आरक्षण
फल
भी बांधो जड़ो को भी
मजबूत करो अब नेता
जी।
राजनीति
को आरक्षण से दूर
करो अब नेता
जी।
आरक्षण
को एक पीढ़ी
तक सीमित रखो नेता जी।
पिछड़ों
में कुछ अगरे है , अगरो
में कुछ पिछड़े है।
जो
पिछड़ गए उनको
खींचों सिर्फ जाति देख कर मत
सींचो।
आरक्षण
से विसंगतियों को दूर
करो अब नेता
जी।
जो
अनपढ़ है उनको
पढ़ाओ साक्षर और जागरूक
बनाओ।
रोजगार
का जाल फैला कर स्वावलम्बी
उनको बनाओ।
संविधान
का भेद कराकर , मौलिक कर्तव्यों से मिलाओ।
राज्य
नीति निर्धारण में पिछड़ों को प्राधान्य
बताओ।
प्रस्तावना
का अर्थ बता के अधिकारो
से बोध कराओ।
केवल
आरक्षण दे कर
पल्ला अपना मत झारो
अब नेता जी।
पद
की गरिमा ,कार्य-प्रकृति और जटिलता
का रखो ख्याल।
पर्याप्त प्रशिक्षण, न्यूनतम
अंक और
दक्षता का
हो प्रावधान।
उत्पादकता,
गुणवक्ता
और कार्य कुशलता मे सुधार रहे।
जन
जन उभरे हर मन उभरे और समानता की बयार बहे।
आरक्षण
के उद्देश्यों को पूरा पूरा हासिल कर लें।
ये भी बढ़ लें वो भी बढ़ लें सब मिलकर हिन्द की जय कर लें।
हम हिंदुस्तान मे रहते है स्वपन मत देखो....
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