Wednesday 4 May 2016

राष्ट्र नीति तुम्हे गढ़ना होगा


बहुत पूजा है राम को बहुत पढ़ा है कलमा 
अब राष्ट्र भक्ति तुझे करना होगा 
हिमालय पे फिर से चढ़ना होगा 
आजादी के लिए फिर से लड़ना होगा 

शिक्षक तुझे शस्त्र उठाने होंगे 
चाणक्य तुमको बनना होगा 
बहुत हो चुकी राजनीति
अब राष्ट्र नीति तुम्हे गढ़ना होगा 

सेकुलरिज्म का अर्थ बदल राष्ट्र धर्म उसे अब करना होगा 
 एन आइ टी मे  तिरंगा होगा जे न यू को भी सुधरना होगा
बहुत हो चूका तुस्टीकरण राष्ट्रीयकरण अब करना होगा
धर्म जाति का भेद मिटा के भारतीय सभी को बनना होगा 

बहुत खेल चुके बल्ले से अब बंदूकों से लड़ना होगा 
विराट कोहली की जगह हनुमंथप्पा तुझे बनना होगा 
हीरो अपने बदलने होंगे सम्मान फ़ौज का करना होगा 
वीरों की भूमि है ये वीर तुझे अब बनना होगा 

जिसने बेचा  है पठानकोट उन नेताओं से लड़ना होगा 
बहुत हो चूका जाँच का नाटक हमला तुझे अब करना होगा
बाँट दिया था ढाका को अब बलूचिस्तान पे भी  चढ़ना होगा
नापाक इरादो को निस्तेनाबूत तुझे अब करना होगा

नही चलेंगे नेहरू अब पटेल तुमको बनना होगा 
छीन लिया था हैदराबाद अब घाटी अपना करना होगा
३७० का कलंक मिटा के राज तिलक राष्ट्र का करना होगा 
भारत में रहना है तो जय हिन्द सभी को कहना होगा 

मंदिर से केसरिया मस्जिद से हरा लेके तिरंगा तुझे रँगना होगा 
हरा और भगवा छोड़ तुझे तिरंगे के लिए लड़ना होगा 
हिमालय पे फिर से चढ़ना होगा 
आजादी के लिए फिर से लड़ना होगा


                                                                   Author- PARTH SARTHI








3 comments:

  1. I like ur poem path bhaiya..

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  2. Wonderful...bahut achhi rachna.

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  3. Sat sat Naman Mere Desh Ke naujawan Tujhko phir se Salam Dil Se Ram Ram bahut accha likha hai aapke Dil Se Yeh mehsoos ho raha hai ki aap Kis Desh ko bahut pyar karte hain Jis Desh Ke Liye aise hi likhte Rahe Tu Baatein Mein Hamara Desh Mahan Banega Jag Jayega Bharat ka you aa jayega phir se Jhanda Jarur lahrayega Jai Hind

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